ABOUT SIDH KUNJIKA

About sidh kunjika

About sidh kunjika

Blog Article



शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

This is prayer of your Kunjika which website is The key reason why for awakening. Oh Parvathi, retain this safeguarded and stored top secret from those people who are not devotees.  

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

Report this page